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Saturday, 13 February 2016

हमे इल्म होता तो क्या बात होती!!!

We normally always tend to talk about two hearts in love on Valentine's but  I just thought of portraying those missing colors from the broken ones through this new creation of mine!!!


हमे इल्म होता तो क्या बात होती...

 ये साथ जो कमाया था, ये खाख से उठाया था
 ये कितना ज़रूरी था , ये ज़िद थी या जोश था

 जो चाहा उसे पाया , पा के अपने कतरों से,
 एक बार नहीं पर कई बार मिलकर सजाया था...
 दो जिस्म इक जान बने .. तेरा मेरा अब कहाँ
 जो भी था अब हमारा था!

सालो साल बीतते गए, प्यार परवान चढ़ता गया,
जाने कब किस मोड़ पे तेरा फिर तेरा ,
और तू ही तुझसे बेगाना लगता गया....
कदम जो चलते थे साथ, आज मेरा साया भी तेरे सफ़र पे कतराने लगा...

किस बात की थी ऐसी अब ज़िद्द , कि फितूर बनके सर चढ़ता गया..
जिसके बिना इक पल गवारा न था, आज उसका इक पल, पल पल मुश्किलें बढ़ाता गया,,
दम घुटने लगा, दम घुटने लगा .. मेंरे नाम से अब मेरा ही सीना दुखने लगा!!

हम खाक से उठे थे..पर ये जीवन अब राख सा होता बीत रहा है..
बिन बात के बातों का होना,,,ये रोज़ का जीना ही कोहराम सा लगने लगा है..
तुम्हे मोहब्बत अब नहीं है, हमें इजाज़त अब नहीं है,
ये बात है या मौत का फरमान!!!

जो भी है, अब जो जारी ये हो गया तो ...
इसे जी जी के मरना ही पड़ेगा..

हम रोक लेते वहीँ पे..हम टोक लेते खुदी को,

हमे इल्म होता तो क्या बात होती !
हमे इल्म होता तो क्या बात होती!!!!!


Indu Ticku Kohli