गर बचपन सा होता बचपन
मीठा बचपन अल्हड़ बचपन
गलियों में कहीं पतंग उड़ाता
करता अक्कड़ बक्कड़ बचपन
मीठा बचपन अल्हड़ बचपन
गलियों में कहीं पतंग उड़ाता
करता अक्कड़ बक्कड़ बचपन
सुबह जो होती बड़ी कड़क की
बस्ते से भी भारी बचपन
छुट्टी की घंटी बजते ही
मूगफली की छाल सा बचपन
बस्ते से भी भारी बचपन
छुट्टी की घंटी बजते ही
मूगफली की छाल सा बचपन
गर पहले सा होता बचपन
धूल मिट्टी से सना सा बचपन
छुप के बागों के पेड़ों चढ़
कच्ची अमिया खाता बचपन
धूल मिट्टी से सना सा बचपन
छुप के बागों के पेड़ों चढ़
कच्ची अमिया खाता बचपन
मेरे बचपन की शामों में
निडर हो मदमस्त घूमता
खुले आसमां के तारे गिन
चंदा मामा गाता बचपन
निडर हो मदमस्त घूमता
खुले आसमां के तारे गिन
चंदा मामा गाता बचपन
गर नीला रह जाता बचपन
हरे भरे खेतों का बचपन
नदियों और तालाबों के संग
डुबकी खूब लगाता बचपन
हरे भरे खेतों का बचपन
नदियों और तालाबों के संग
डुबकी खूब लगाता बचपन
दोस्त की साईकल दोस्त की पेंसिल
दोस्त का खाने का डब्बा अच्छा था
फिर हाथों को सान सान कर
पेन की स्याही चुराता बचपन
दोस्त का खाने का डब्बा अच्छा था
फिर हाथों को सान सान कर
पेन की स्याही चुराता बचपन
गर सीधा सा होता बचपन
फिर बैटिंग को लड़ता बचपन
दोस्त पर पड़ती टीचर की बेंत पर
फिर बैटिंग को लड़ता बचपन
दोस्त पर पड़ती टीचर की बेंत पर
अपना हाथ बढ़ाता बचपन
काश पहले सा होता बचपन
आज के बचपन के मुकाबले
कंप्यूटर और मोबाइल से बाहर
खूब शोर मचाता बचपन
आज के बचपन के मुकाबले
कंप्यूटर और मोबाइल से बाहर
खूब शोर मचाता बचपन
--लिपिका