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Monday, 4 June 2018

माँ ❤️❤️❤️

अच्छा हुआ हम बड़े हो गए 
माँ की परेशानी और चिंता कुछ काम हुई 
छोटे थे तो ग़लती करने पर 
कभी प्यार से तो कभी डाँट से समझती थी माँ
कभी डरा कर या कभी कान मरोड़ कर 
समझती थी माँ 
अब हम बड़े हो गए है 
माँ अब शायद कम परेशान होतीं है 
शायद !!!!!!!!
पर अब लगता है वो पहले से ज़्यादा परेशान है 
अब समझा नहीं पाती क्यूँकि हम बड़े हो गए है 
प्यार से समझना भी अखर सा जाता है 
और कान तक तो  उसका हाथ पहूँच भी नहीं पता है 
क्या सच में हम बड़े हो गए है 
अब ये सब समझ पाती हूँ क्यूँकि अब मैं भी एक माँ हूँ
यही सुनती हूँ आपको कुछ नहीं पता 
अब हम  बड़े  हो गए हैं
कान तक हाथ पहुँचना तो दूर 
प्यार से समझना भी मुश्किल सा है 
माँ हम बड़े नहीं हुए 
हमें समझाया करो अपनी नाराज़गी दिखाया करो 
कान अब भी तरसते है आँखें अब भी ढूँढती है 
वो बचपन की यादें वो तुम्हारी बातें
हम अब भी छोटे है माँ 
एक बार फिर कान पकड़ कर समझा दो ना माँ
गोदी में सुला कर लोरी सुना दो 
ये दुनिया बहुत सताती है 
एक बार फिर से बचपन लोटा दो
हम सचमुच बहुत  छोटे ही हैं माँ
अपनी गोदी में एक बार फिर से  सुला दो माँ!!!!!!