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Thursday, 7 July 2016

समय

समय है सबसे बड़ा बलवान
यह है सब पर मेहरबान
जीत न पाया इससे कोई भी इंसान ।

समय पर ही होते सारे काज
चाहे जितना मर्जी जोर लगा लो आज ।
है यदि समय तुम्हारे अनुकूल
तो ही कर पाओगे सारे काम तुम अपने अनुकूल ।

चाहे जितना मचालो शोर
पर नही जीत पाओगे यदि समय है तुम्हारे प्रतिकूल ।
शब्दो मे होती है ताकत बड़ी पर,
कर्मठ ही होते बलवान ।
जिस कर्म के पीछे मंशा न हो बुरी
उसका साथ देते भगवान् ।

माखन चोर थे नंद किशोर
दी थी भगवान् को भी उपाधि चोर की ।
लेकिन झुक जाते सर सभी के माखन चोर के सामने
जब समय दिखाता है अपना जोर ।

रहो हमेशा कृतज्ञ बन कर
न निकले मन से कभी अपशब्द
 न हो तुमसे भूले से भी कोई भूल ।
क्योंकि समय आने पर समय फल देगा
तुम्हारे कर्मो  के अनुकूल ।

रहे विश्वास अपने पर बस
यही सिखाता समय  हमे।
धैर्य रहे बुरे समय मे और
सुख मे भी  न भूले समय का रूप ।

लीना निर्वान

रास आती है बस खुशिया ।

शब्दो की चाशनी मे घोल कर
कहलो मन की बात
रह जाएगा द्वेष भाव यही पर
बस स्वभाव जाएगा साथ ।

सब जीत जाएँ ज॔ग यह संभव नही
पर जीत लो आज मन सबका
यह असंभव भी नही ।

टपका दो बूँद अपने अमृत की
जो मिली है सब को वरदान ।

क्यो करते हो इतना संताप
और हो जाते हो खुद ही हताश
चलो सब ले आए खुशिया
और बाँटे खुले दिल से जग मे आज।

लीना निर्वान