Writer

Writer

Thursday, 29 October 2015

ज़िन्दगी



इतना न सता 
ऐ ज़िन्दगी , 
तू मेरी मॉं की ममता बन जा
थक कर जब घर लौटूँ 
ऐ ज़िन्दगी
तू मेरी मॉं का अांचल बन जा
जो चाहूँ वो बिन माँगे दे दिया कर 
ऐ ज़िन्दगी,
 तू बस मेरी माँ की तरह बन जा
AnuYog 

6 comments: