शब्दो की चाशनी मे घोल कर
कहलो मन की बात
रह जाएगा द्वेष भाव यही पर
बस स्वभाव जाएगा साथ ।
सब जीत जाएँ ज॔ग यह संभव नही
पर जीत लो आज मन सबका
यह असंभव भी नही ।
टपका दो बूँद अपने अमृत की
जो मिली है सब को वरदान ।
क्यो करते हो इतना संताप
और हो जाते हो खुद ही हताश
चलो सब ले आए खुशिया
और बाँटे खुले दिल से जग मे आज।
लीना निर्वान
कहलो मन की बात
रह जाएगा द्वेष भाव यही पर
बस स्वभाव जाएगा साथ ।
सब जीत जाएँ ज॔ग यह संभव नही
पर जीत लो आज मन सबका
यह असंभव भी नही ।
टपका दो बूँद अपने अमृत की
जो मिली है सब को वरदान ।
क्यो करते हो इतना संताप
और हो जाते हो खुद ही हताश
चलो सब ले आए खुशिया
और बाँटे खुले दिल से जग मे आज।
लीना निर्वान
Leena ji... bahut khoob...
ReplyDeleteThanks dear 😊
ReplyDeleteThanks dear 😊
ReplyDeleteAti sundar
ReplyDeleteAti sundar
ReplyDeleteThanks dear 😊
ReplyDeleteचलो खुशियाँ बाटें खुले दिल से आज... वाह!
ReplyDelete