ज़िन्दगी से एक मुलाकात
रात का सन्नाटा था
दरवाजे पे एक दस्तक हुई
सहमी सी धीमी आवाज़ मैं मैंने पूछा "कौन है?"
एक जानी पहचानी आवाज़ आई "ज़िन्दगी"
विश्वास नहीं था अपनी आँखों पे
मेरे सामने खड़ी थी मेरी ज़िन्दगी
सिल गए थे लब पर आँखों ने कह दिया
बस तुम्हारा ही तो इंतज़ार था, ऐ ज़िन्दगी
खो गयी थी दुनिया की भीड़ में
कहाँ जाना है, क्या पाना है
अनगिनत थे सवाल "क्या चाहती हो ज़िन्दगी?"
शिकवे थे अनेक "क्यों इतना सताती हो ज़िन्दगी!"
पर जब ज़िन्दगी से आमना सामना हुआ
न कुछ कहा न ही कुछ पूछा
बस ज़िन्दगी को गले लगाया
और मिल गए सारे जवाब
कितने उतार चढ़ाव दिखती है ज़िन्दगी
कभी हँसाती तो कभी रुलाती है ज़िन्दगी
कैद करने की इसको कोशिश है व्यर्थ
एक झरने की तरह बहती जाती है ज़िन्दगी
एक खूबसूरत सफ़र है ज़िन्दगी
साथ चले वो हमसफ़र है ज़िन्दगी
जब तक जान है, साँसे चलेगी
जब तक साँसे हैं, तब तक है ज़िन्दगी
एक प्यारा सा एहसास है ज़िन्दगी
जीने की उम्मीद और एक आस है ज़िन्दगी
ख़ुशी दे या गम दे, अपने गले लगा लो
खो कर जाना है, कितनी ख़ास है ज़िन्दगी
भूल नहीं सकती कभी वो रात
जब हुई थी ज़िन्दगी से एक मुलाकात
- सीमा शर्मा
रात का सन्नाटा था
दरवाजे पे एक दस्तक हुई
सहमी सी धीमी आवाज़ मैं मैंने पूछा "कौन है?"
एक जानी पहचानी आवाज़ आई "ज़िन्दगी"
विश्वास नहीं था अपनी आँखों पे
मेरे सामने खड़ी थी मेरी ज़िन्दगी
सिल गए थे लब पर आँखों ने कह दिया
बस तुम्हारा ही तो इंतज़ार था, ऐ ज़िन्दगी
खो गयी थी दुनिया की भीड़ में
कहाँ जाना है, क्या पाना है
अनगिनत थे सवाल "क्या चाहती हो ज़िन्दगी?"
शिकवे थे अनेक "क्यों इतना सताती हो ज़िन्दगी!"
पर जब ज़िन्दगी से आमना सामना हुआ
न कुछ कहा न ही कुछ पूछा
बस ज़िन्दगी को गले लगाया
और मिल गए सारे जवाब
कितने उतार चढ़ाव दिखती है ज़िन्दगी
कभी हँसाती तो कभी रुलाती है ज़िन्दगी
कैद करने की इसको कोशिश है व्यर्थ
एक झरने की तरह बहती जाती है ज़िन्दगी
एक खूबसूरत सफ़र है ज़िन्दगी
साथ चले वो हमसफ़र है ज़िन्दगी
जब तक जान है, साँसे चलेगी
जब तक साँसे हैं, तब तक है ज़िन्दगी
एक प्यारा सा एहसास है ज़िन्दगी
जीने की उम्मीद और एक आस है ज़िन्दगी
ख़ुशी दे या गम दे, अपने गले लगा लो
खो कर जाना है, कितनी ख़ास है ज़िन्दगी
भूल नहीं सकती कभी वो रात
जब हुई थी ज़िन्दगी से एक मुलाकात
- सीमा शर्मा
क्या खूब कहा है। आप में छुपी लेखिका का ज्ञात नहीं था।
ReplyDeleteयह ना चीज़ कुछ कहना चाहता है। ज़िन्दगी ऐसे जियो की जब छूट जाए तो ज़िन्दगी दुःख मनाए। संजय
मेरे घर आना आना ज़िन्दगी। बोहोत खूब
ReplyDeleteaccha hai.. nicely written and end was very good. Maza aya.. Its almost true for humans
ReplyDeleteThank you. 😊
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