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Friday, 8 December 2017

यादें


वो तेरा नज़रें झुकाकर मेरे सामने आना। 

पैरों की अंगुलियों को आपस में दबाना। 

कुछ ना भुला हूँ मैं। 

हर एक मंज़र आज भी याद है मुझे। 

 

सब पूछते है कौन हो तुम। 

जो आज भी याद बनकर साथ है मेरे। 

तुम हक़ीक़त हो या एक अहसास मेरा। 

कैसे कह दूँ मैं नाम तेरा। 

भुला नहीं हूँ याद है मुझे। 

 

तुम यूँही मेरे गीतों में आते रहना। 

तुम ही तो मेरे गीतों की धड़कन हो। 

मेरे हर शब्द में रहता है वजूद तेरा। 

तेरे बिन ये भी अधूरे है। 

भूलना नहीं है मुझको तुझको। 
तुम्हें हो ना हो पर याद है मुझे। 

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