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Friday, 8 December 2017

हार जीत


कभी कभी ....

जीतने के लिए हारना ज़रूरी है। 

परन्तु .....

हर हार से एवं हर जीत से।

एक सबक़ सीखना ज़रूरी है। 

 

जीवन में बहुत मौक़े आएँगे। 

जीतने के ....

असली जीत उस दिन होगी। 

जब हम ख़ुद से जीत जाएँगे।

लेकिन ....

उसके लिए ज़िंदगी जीना ज़रूरी है। 

 

क्यूँ आए थे हम यहाँ जन्म लेकर। 

क्या मक़सद है इस ज़िंदगी का।

क्यूँ हम लड़ते है। 

कभी ख़ुद से, कभी अपनों से। 

इन सवालों के जवाब पाना भी ज़रूरी है। 

 

आओ मिलकर इक ज़िंदगी जी ले। 

साथ साथ ....

आओ इक दीपक जला ले।

साथ साथ ....

आओ इक बार गले मिल ले। 

फिर से ....

सोचो .... 

क्या इसके लिए दिवाली या ईद ज़रूरी है। 

 

दिलों में यह जो दूरियाँ है। 

इन्हें कम करना होगा। 

जब साथ में ही रहना है। 

तो ....

कुछ क़दम साथ चलना होगा। 

बहुत जी लिए अपने लिए। 

लेकिन ....

अब ....

दूसरों के लिए जीना भी ज़रूरी है। 


पास पास बैठो कभी। 

यूँ दूर से क्यूँ बात करते हो। 

कुछ तुम अपने दिल की कहो। 

कुछ तुम उसके दिल की सुनो। 

जानता हूँ .....

कुछ बातों के मतलब नहीं होते। 

लेकिन कभी कभी साथ में। 

एक चाय पीना ज़रूरी है।

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